9. कुणाल सिंह
कुणाल सिंह, जिन्हें तमिल फिल्म “कधलार धिनम” में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है, का 7 फरवरी 2008 को निधन हो गया। उनकी मौत उनके मुंबई स्थित अपार्टमेंट में फांसी पर लटके पाए जाने से हुई थी। इस घटना को आधिकारिक तौर पर आत्महत्या के रूप में घोषित किया गया, लेकिन उनके परिवार ने इस निष्कर्ष पर आपत्ति जताई और दावा किया कि यह एक हत्या थी।
कुणाल सिंह का जन्म चेन्नई में हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत तमिल फिल्मों से की थी। उन्होंने 1999 में रिलीज़ हुई फिल्म “कधलार धिनम” से प्रमुख पहचान प्राप्त की, जिसमें उनके अभिनय की काफी सराहना की गई थी। यह फिल्म एक प्रेम कहानी थी, जो उस समय के युवा दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुई थी। उनकी मासूमियत और अभिनय कौशल ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया था।
हालांकि, “कधलार धिनम” की सफलता के बाद भी कुणाल का करियर उतना सफल नहीं रहा। उन्हें बड़े प्रोजेक्ट्स में महत्वपूर्ण भूमिकाएं नहीं मिलीं, और उनके करियर में गिरावट आने लगी। उन्होंने कुछ और फिल्मों में काम किया, लेकिन वे बॉक्स ऑफिस पर कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सकीं।
7 फरवरी 2008 को, कुणाल अपने मुंबई स्थित अपार्टमेंट में मृत पाए गए। पुलिस के अनुसार, उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। उनके शव के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, जिससे उनकी मृत्यु के पीछे के कारणों को लेकर अटकलें और बढ़ गईं। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद इसे आत्महत्या का मामला बताया और मामला बंद कर दिया।
हालांकि, कुणाल के परिवार ने इस निष्कर्ष को स्वीकार नहीं किया। उनके पिता, रवि सिंह, और अन्य परिवार के सदस्यों का मानना था कि कुणाल आत्महत्या नहीं कर सकते थे। उन्होंने दावा किया कि कुणाल को मार दिया गया था और उनकी हत्या को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई थी। परिवार ने पुलिस पर मामले की ठीक से जांच न करने का आरोप लगाया और न्याय की मांग की।
कई मीडिया रिपोर्टों में भी इस मामले को लेकर संदेह व्यक्त किया गया। कुछ ने यह सवाल उठाया कि कुणाल के जीवन में ऐसी क्या परिस्थितियाँ थीं जो उन्हें आत्महत्या की ओर ले जा सकती थीं। उनके करीबी दोस्तों और सहकर्मियों ने भी कहा कि कुणाल एक खुशमिजाज व्यक्ति थे और उनकी मृत्यु से पहले कोई ऐसा संकेत नहीं था जिससे यह लगे कि वे अवसाद में थे या आत्महत्या कर सकते थे।
कुणाल सिंह की मौत का रहस्य आज भी बना हुआ है। आधिकारिक तौर पर इसे आत्महत्या के रूप में दर्ज किया गया, लेकिन उनके परिवार और कई प्रशंसकों के मन में संदेह की छाया अभी भी है। यह घटना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि उन सभी के लिए एक दुखद और असमाप्त कहानी बनकर रह गई जो उन्हें पसंद करते थे और उनकी प्रतिभा की सराहना करते थे। Also Read….
कुणाल सिंह की मृत्यु ने फिल्म उद्योग में मानसिक स्वास्थ्य और संघर्षों के मुद्दों को भी उजागर किया। यह मामला उन चुनौतियों और दबावों की भी याद दिलाता है जिनका सामना अभिनेता और अन्य कलाकार अपने करियर में करते हैं। जबकि उनकी मौत के पीछे की सच्चाई कभी सामने नहीं आ सकी, उनकी यादें और उनकी फिल्में उनके प्रशंसकों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी।